सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट ख :
आदेशिका :
प्ररुप संख्यांक ४-क :
१.(संक्षिप्त वाद में निर्णय के लिए समन ) (आदेश ३७ का नियम ३) :
------------- में ------------- के न्यायालय में १९ -------- का वाद संख्यांक --------
भ म य वादी
बनाम
क ख ग प्रतिवादी
न्यायालय वादी के शपथपत्र को पढने के उपरांत निम्नलिखित आदेश करता है, अर्थात् :-
सम्बद्ध सभी पक्षकार, यथास्थिति, न्यायालय या न्यायाधीश के समक्ष तारीख ------------ को पूर्वान्ह में ----------- बजे वादी के इस आवेदन की सुनवाई के लिए हाजिर हों कि वह प्रतिवादी के विरुद्ध (या यदि एक या कुछ या कई प्रतिवादी हों तो उसका या उनके नाम लिखें) ---------- रुपए के लिए और ब्याज तथा खर्चें के लिए इस वाद में निर्णय प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र होगा ।
तारीख ------------)
न्यायाधीश
---------
१. १९७६ के अधिनियम सं. १०४ की धारा ९४ द्वारा (१-२-१९७७ से) प्रतिस्थापित ।
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