हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम १९५६
अनुसूची :
(धारा ८ देखिए)
वर्ग १ और वर्ग २ में वारिस :
वर्ग १ :
पुत्र, पुत्री, विधवा, माता, पूर्व मृत पुत्र का पुत्र, पूर्व मृत पुत्र की पुत्री, पूर्व मृत पुत्री का पुत्र, पूर्व मृत पुत्री की पुत्री, पूर्व मृत पुत्र की विधवा, पूर्व मृत पुत्र के पूर्व मृत पुत्र का पुत्र, पूर्व मृत पुत्र के पूर्व मृत पुत्र की पुत्री, पूर्व मृत पुत्र के पूर्व मृत पुत्र की विधवा, १.(पूर्व मृत पुत्री की पूर्व मृत पुत्री का पुत्र, पूर्व मृत पुत्री की पूर्व मृत पुत्री की पुत्री, पूर्व मृत पुत्री के पूर्व मृत पुत्र की पुत्री, पूर्व मृत पुत्र की पूर्व मृत पुत्री की पुत्री ।)
एक. पिता।
दो. (१) पुत्र की पुत्री का पुत्र, (२) पुत्र की पुत्री की पुत्री, (३) भाई (४) बहिन ।
तीन. (१) पुत्री के पुत्र का पुत्र, २) पुत्री के पुत्र की पुत्री, (३) पुत्री की पुत्री का पुत्र, (४) पुत्री की पुत्री ।
चार. (१) भाई का पुत्र, (२ ) बहिन का पुत्र, (३) भाई की पुत्री, ( ४) बहिन की पुत्री ।
पाच. पिता का पिता, पिता की माता।
छह. पिता की विधवा, भाई की विधवा ।
सात. पिता का भाई, पिता की बहिन ।
आठ. माता का पिता, माता की माता ।
नौ. माता का भाई, माता की बहिन ।
स्पष्टीकरण :
इस अनुसूची में भाई या बहिन के प्रति निर्देशों के अंतर्गत उस भाई या बहिन के प्रति निर्देश नहीं है जो केवल एकोदरक्त के हों।
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१. २००५ के अधिनियम सं० ३९ की धारा ७ द्वारा (९-९-२००५ से) अंत:स्थापित ।
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