हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम १९५६
धारा २७ :
उत्तराधिकार जबकि वारिस निरर्हित हो :
यदि कोई व्यक्ति किसी सम्पत्ति को विरासत में पाने से इस अधिनियम के अधीन निरर्हित हो तो वह सम्पत्ति ऐसे न्यागत होगी मानो ऐसा व्यक्ति निर्वसीयत के पूर्व मर चुका हो।
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