Category: "स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६"
धारा १० : नियम बनाने की शक्ति :
स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६ धारा १० : नियम बनाने की शक्ति : (१) केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए नियम, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, बना सकेगी। (२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल… more »
धारा ९ : सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण :
स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६ धारा ९ : सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण : इस अधिनियम के अधीन सद्भावपूर्वक की गई या की जाने के लिए आशयित किसी बात के लिए कोई भी वाद, अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य… more »
धारा ८ : अपराधों का संज्ञेय और जमानत होना :
स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६ धारा ८ : अपराधों का संज्ञेय और जमानत होना : (१) दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) में किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम के अधीन दंडनीय अपराध जमानतीय होगा। (२) इस अधिनियम के अधीन दंडनीय कोई अपराध संज्ञेय… more »
धारा ७ : कंपनियों द्वारा अपराध :
स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६ धारा ७ : कंपनियों द्वारा अपराध : (१) जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किसी कम्पनी द्वारा किया गया है वहां प्रत्येक व्यक्ति जो उस अपराध के किए जाने के समय उस कम्पनी के कारबार के संचालन के लिए उस कम्पनी का… more »
धारा ६ : शास्ति :
स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६ धारा ६ : शास्ति : कोई व्यक्ति, जो धारा ३ या धारा ४ के उपबंधों का उल्लंघन करेगा, प्रथम दोषसिद्धि पर दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से, जो दो हजार रुपए तक का… more »
धारा ५ : प्रवेश करने और तलाशी लेने की शक्तियां :
स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६ धारा ५ : प्रवेश करने और तलाशी लेने की शक्तियां : (१) ऐसे नियमों के अधीन रहते हुए, जो विहित किए जाएं, राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत कोई राजपत्रित अधिकारी, उस क्षेत्र की स्थानीय सीमाओं के भीतर, जिसके लिए वह इस… more »
धारा ४ : स्त्री अशिष्ट रूपण अंतर्विष्ट करने वाली पुस्तकों..
स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६ धारा ४ : स्त्री अशिष्ट रूपण अंतर्विष्ट करने वाली पुस्तकों, पुस्तकों, आदि के प्रकाशन या डाक द्वारा भेजने का प्रतिषेध : कोई व्यक्ति, कोई ऐसी पुस्तक, पुस्तिका, कागज-पत्र, स्लाइड, फिल्म, लेख, रेखा-चित्र, रंगचित्र,… more »
धारा ३ : स्त्री अशिष्ट रूपण .. विज्ञापनों का प्रतिषेध :
स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६ धारा ३ : स्त्री अशिष्ट रूपण अंतर्विष्ट करने वाले विज्ञापनों का प्रतिषेध : कोई व्यक्ति, कोई ऐसा विज्ञापन जिसमें किसी भी रूप में स्त्रियों का अशिष्ट रूपण अंतर्विष्ट है, प्रकाशित नहीं करेगा या प्रकाशित नहीं… more »
स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६ धारा २
स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६ धारा २ : परिभाषाएं : इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, - (क) विज्ञापन के अन्तर्गत कोई सूचना, परिपत्र, लेबल, रैपर या अन्य दस्तावेज है और इसके अंतर्गत प्रकाश, ध्वनि, धुआं या गैस के माध्यम… more »
स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६ धारा १
स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६ (१९८६ का अधिनियम संख्यांक ६०) विज्ञापनों के माध्यम से या प्रकाशनों, लेखों, रंगचित्रों, आकृतियों में या किसी अन्य रीति से स्त्रियों के अशिष्ट रुपण का प्रतिषेध करने और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों के लिए… more »