Category: "नागरिकता अधिनियम १९५५"
नागरिकता अधिनियम १९५५ | तृतीय अनुसूची :
नागरिकता अधिनियम १९५५ तृतीय अनुसूची : (धारा ६(१) देखिए) : देशीयकरण के लिए अर्हताएं : ऐसे क्ति के देशीकरण के लिए, १.(*) अर्हताएं ये हैं कि - (क) वह किसी ऐसे देश की प्रजा या नागरिक नहीं है जहां भारत के नागरिक देशीयकरण द्वारा उस देश की प्रजा या नागरिक बनने… more »
नागरिकता अधिनियम | १९५५ द्वितीय अनुसूची :
नागरिकता अधिनियम १९५५ द्वितीय अनुसूची : धारा ५(२) और धारा ६(२) देखिए : राजनिष्ठा की शपथ : मैं, क ख .......सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञा करता हूं (या शपथ लेता हूं) कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूगा और यह कि में… more »
धारा १९ : निरसित :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १९ : निरसित : निरसन और संशोधन अधिनियम, १९६०१९६० का अधिनियम सं० ५८) की धारा २ और प्रथम अनुसूची द्वारा निरसित। --------- प्रथम अनुसूची : १.(***) -------- १. २००४ के अधिनियम सं०६ की धारा १६ द्वारा लोप किया गया। INSTALL Android… more »
धारा १८ : नियम बनाने की शक्ति :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १८ : नियम बनाने की शक्ति : (१) केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए नियम शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, बना सकेगी। (२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना… more »
धारा १७ : अपराध :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १७ : अपराध : जो कोई व्यक्ति किसी बात का इस अधिनियम के अधीन किया जाना या न किया जाना उपाप्त करने के प्रयोजन के लिए जानते हुए कोई ऐसा व्यपदेशन करेगा जो किसी तात्विक विशिष्टि में मिथ्या है, वह कारावास से, जिसकी अवधि १.(पांच वर्ष)… more »
धारा १६ : शक्तियों का प्रत्यायोजन :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १६ : शक्तियों का प्रत्यायोजन : केन्द्रीय सरकार आदेश द्वारा निदेश दे सकेगी कि कोई शक्ति, जो उसे इस अधिनियम की उसकी धारा १० और धारा १८ के उपबंधों से भिन्न उपबंन्धों में से किसी उपबन्ध द्वारा प्रदत्त की गई है, ऐसी परिस्थितियों… more »
धारा १५क : पुनर्विलोकन :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १५क : १.(पुनर्विलोकन : (१) केन्द्रीय सरकार द्वारा किए गए किसी आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति, ऐसे आदेश की तारीख से तीस दिन के भीतर, ऐसे आदेश के पुनर्विलोकन के लिए आवेदन कर सकेगा: परंतु केंद्रीय सरकार तीस दिन की उक्त अवधि की… more »
धारा १५ : परीक्षण :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १५ : परीक्षण : (१) विहित प्राधिकारी या किसी अफसर या (केन्द्रीय सरकार से भिन्न) अन्य प्राधिकारी द्वारा इस अधिनियम के अधीन किए गए किसी आदेश से व्यथित व्यक्ति, उस आदेश की तारीख से तीस दिन की कालावधि के अन्दर के पुनरीक्षण के लिए… more »
धारा १४क : राष्ट्रीय पहचान पत्रों का जारी करना :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १४क : १.(राष्ट्रीय पहचान पत्रों का जारी करना : (१) केंद्रीय सरकार, भारत के प्रत्येक नागरिक को अनिवार्य रूप से रजिस्टर कर सकेगी और उसको राष्ट्रीय पहचान-पत्र जारी कर सकेगी। (२) केन्द्रीय सरकार, भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय… more »
धारा १४ : धारा ५ और धारा ६ के अधीन आवेदन का निपटारा :
नागरिकता अधिनियम १९५५ धारा १४ : धारा ५ और धारा ६ के अधीन आवेदन का निपटारा : (१) विहित प्राधिकारी या केन्द्रीय सरकार स्वविवेकानुसार १.(धारा ५, धारा ६ और धारा ७क) के अधीन किसी आवेदन को मंजूर या नामंजूर कर सकेगी और ऐसी मंजूरी या नामंजूरी के लिए कोई कारण… more »