Category: "दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१"
धारा १० : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा १० : १.(राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति : (१) राज्य सरकार, इस अधिनियम के प्रयोजन को कार्यान्वित करने के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियम बना सकेगी। (२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव… more »
धारा ९ : नियम बनाने की शक्ति :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ९ : नियम बनाने की शक्ति : (१) केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए नियम, राजपत्र अधिसूचना द्वारा बना सकती है। १.(२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे… more »
धारा ८ख : दहेज प्रतिषेध अधिकारी :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ८ख : १.(दहेज प्रतिषेध अधिकारी : (१) राज्य सरकार उतने दहेज प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त कर सकेगी जितने वह ठीक समझे और वे क्षेत्र निर्दिष्ट कर सकेगी जिनकी बाबत वे अपनी अधिकारिता और शकिायों का प्रयोग इस अधिनियम के अधीन करेंगे।… more »
धारा ८क : कुछ मामलों में सबूत का भार :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ८क : १.(कुछ मामलों में सबूत का भार : जहां कोई व्यक्ति धारा ३ के अधीन कोई दहेज लेने या दहेज का लेना दुष्प्रेरित करने के लिए या धारा ४ के अधीन दहेज मांगने के लिए अभियोजित किया जाता है वहां यह साबित करने का भार उसी पर होगा… more »
धारा ८ : अपराधों का कुछ प्रयोजनों के लिए संज्ञेय होना..
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ८ : १.(अपराधों का कुछ प्रयोजनों के लिए संज्ञेय होना तथा जमानतीय और अशमनीय होना : (१) दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) इस अधिनियम के अधीन अपराधों को वैसे ही लागू होगी मानो वे - (क) ऐसे अपराधों के अन्वेषण के… more »
धारा ७ : अपराधों का संज्ञान :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ७ : १.(अपराधों का संज्ञान : (१) दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) में किसी बात के होते हुए भी, - (क) महानगर मजिस्टड्ढेट या प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्टड्ढेट के न्यायालय से अवर कोई न्यायालय इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध… more »
धारा ६ : दहेज का पत्नी या उसके वारिसों के फायदे के लिए..
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ६ : दहेज का पत्नी या उसके वारिसों के फायदे के लिए होना : (१) जहां कोई दहेज ऐसी स्त्री से भिन्न, जिसके विवाह के संबंध में वह दिया गया है, किसी व्यक्ति द्वारा प्राप्त किया जाता है, वहां वह व्यक्ति, उस दहेज को,- (क) यदि वह… more »
धारा ५ : दहेज देने या लेने के लिए करार का शून्य होना :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ५ : दहेज देने या लेने के लिए करार का शून्य होना : दहेज देने या लेने के लिए करार शून्य होगा। INSTALL Android APP * नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे… more »
धारा ४क : विज्ञापन पर पाबंदी :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ४क : १.(विज्ञापन पर पाबंदी : यदि कोई व्यक्ति- (क) अपने पुत्र या पुत्री या किसी अन्य नातेदार के विवाह के प्रतिफलस्वरूप किसी समाचारपत्र, नियतकालिक पत्रिका, जरनल या किसी अन्य माध्यम से, अपनी सम्पत्ति या किसी धन के अंश या… more »
धारा ४ : दहेज मांगने के लिए शास्ति :
दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ धारा ४ : १.(दहेज मांगने के लिए शास्ति : यदि कोई व्यक्ति, यथास्थिति, वधू या वर के माता-पिता या अन्य नातेदार या संरक्षक, से किसी दहेज की प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से मांग करेगा तो वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास से कम… more »