Category: "ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८"
धारा ४० : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ४० : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति : १) राज्य सरकार इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए नियम अधिसूचना द्वारा बना सकेगी । २) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे… more »
धारा ३९ : उच्च न्यायालय की नियम बनाने की शक्ति :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३९ : उच्च न्यायालय की नियम बनाने की शक्ति : १) उच्च न्यायालय, इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए नियम अधिसूचना द्वारा, बना सकेगा । २) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना,… more »
धारा ३८ : कटिनाइयों को दूर करने की शक्ति :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३८ : कटिनाइयों को दूर करने की शक्ति : १) यदि इस अधिनियम के उपबंधों को प्रभावी करने में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है तो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में प्रकाशित आदेश द्वारा, ऐसे उपबंध कर सकेगी जो इस अधिनियम के उपबंधों से असंगत… more »
धारा ३७ : ग्राम न्यायालयों का निरीक्षण :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३७ : ग्राम न्यायालयों का निरीक्षण : उच्च न्यायालय, न्यायाधिकारी की पंक्ति से वरिष्ठ किसी न्यायिक अधिकारी को प्रत्येक छह मास में एक बार या ऐसी अन्य अवधि में, जो उच्च न्यायालय विहित करे, अपनी अधिकारिता के भीतर ग्राम… more »
धारा ३६ : न्यायाधिकारियों और कर्मचारियों आदि का लोक..
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३६ : न्यायाधिकारियों और कर्मचारियों आदि का लोक सेवक होना : न्यायाधिकारियों और ग्राम न्यायालयों के अधिकारियों तथा अन्य कर्मचारियों के बारे में, जब वे इस अधिनियम के किसी उपबंध के अनुसरण में कार्य कर रहे हैं या उनका कार्य… more »
धारा ३५ : ग्राम न्यायालयों को पुलिस की सहायता :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ अध्याय ८ : प्रकीर्ण : धारा ३५ : ग्राम न्यायालयों को पुलिस की सहायता : १) ग्राम न्यायालय की अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर कार्यरत प्रत्येक पुलिस अधिकारी ग्राम न्यायालय की उसके विधिपूर्ण प्राधिकार के प्रयोग में सहायता… more »
धारा ३४ : सिविल मामलों में अपील :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३४ : सिविल मामलों में अपील : १) सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८ (१९०८ का ५) या किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी और उपधारा (२) के अधीन रहते हुए, ग्राम न्यायालय के प्रत्येक निर्णय या ऐसे आदेश से, जो अंतर्वर्ती आदेश… more »
धारा ३३ : दांडिक मामलों में अपील :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ अध्याय ७ : अपीलें : धारा ३३ : दांडिक मामलों में अपील : १) दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) या किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी, ग्राम न्यायालय के किसी निर्णय, दंडादेश या आदेश के विरूध्द कोई अपील इसमें यथा… more »
धारा ३२ : औपचारिक प्रकृति के साक्ष्य का शपथ-पत्र पर होना :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३२ : औपचारिक प्रकृति के साक्ष्य का शपथ-पत्र पर होना : १) किसी व्यक्ति का साक्ष्य, जहां ऐसा साक्ष्य औरपचारिक प्रकृति का है, शपथ-पत्र द्वारा दिया जा सकेगा और सभी न्यायसंगत अपवादों के अधीन रहते हुए, ग्राम न्यायालय के समक्ष… more »
धारा ३१ : मौखिक साक्ष्य का लेखबध्द किया जाना :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३१ : मौखिक साक्ष्य का लेखबध्द किया जाना : ग्राम न्यायालय के समक्ष वादों या कार्यवाहियों में साक्षियों के साक्ष्य को विस्तार से लेखबध्द करना आवश्यक नहीं होगा, किंतु न्यायाधिकारी, जैसे ही प्रत्येक साक्षी की परीक्षा अग्रसर… more »