स्त्री अशिष्ट रुपण (प्रतिषेध) अधिनियम १९८६
धारा ७ :
कंपनियों द्वारा अपराध :
(१) जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किसी कम्पनी द्वारा किया गया है वहां प्रत्येक व्यक्ति जो उस अपराध के किए जाने के समय उस कम्पनी के कारबार के संचालन के लिए उस कम्पनी का भारसाधक और उसके प्रति उत्तरदायी था और साथ ही वह कम्पनी भी ऐसे अपराध के दोषी समझे जाएंगे और तदनुसार अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दंडित किए जाने के भागी होंगे:
परन्तु इस उपधारा की कोई बात किसी ऐसे व्यक्ति को दंड का भागी नहीं बनाएगी यदि वह यह साबित कर देता है कि अपराध उसकी जानकारी के बिना किया गया था या उसने ऐसे अपराध के किए जाने का निवारण करने के लिए सभी सम्यक तत्परता बरती थी।
(२) उपधारा (१) में किसी बात के होते हुए भी, जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किसी कम्पनी द्वारा किया गया है तथा यह साबित हो जाता कि वह अपराध कम्पनी के किसी निदेशक, प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी की या मौनानुकूलता से किया गया है या उस अपराध का किया जाना उसकी किसी उपेक्षा के कारण माना जा सकता है वहां ऐसे निदेशक, प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी और तदनुसार उसे दंडित किया जाएगा।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए,-
(क) कम्पनी से कोई निगमित निकाय अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत फर्म या व्यष्टियों का अन्य संगम भी है; तथा
(ख) किसी फर्म के संबंध में, निदेशक से उस फर्म का भागीदार अभिप्रेत है।
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