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धारा १०३ : कब संपत्ती की निजी(प्राइवेट) प्रतिरक्षा के...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा १०३ : कब संपत्ती की निजी(प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यूकारित करने तक का होता है : संपत्ति की निजी(प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार, धारा ९९ में वर्णित निर्बंधनों के अध्यधीन दोषकर्ता की… more »