Tag: "धारा ८५"
धारा ८५ : कुर्क की हुई संपत्ति को निर्मुक्त करना, विक्रय..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ६ : ग - उद्घोषणा (ऐलान) और कुर्की (संपत्ति / आसेध): धारा ८५ : कुर्क की हुई संपत्ति को निर्मुक्त करना, विक्रय और वापस करना : १)यदि उद्घोषित व्यक्ति उद्घोषणा में विनिर्दिष्ट समय के अंदर हाजिर हो जाता है तो न्यायालय… more »
धारा ८५ : मुख्तारनामों (अभिकरण पत्र / प्रतिनिधि पत्र )...
भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२ अध्याय ५ : दस्तावेजों के बारे में उपधारणाएँ (प्रश्नगत कुछ तथ्यों की सत्यता के बारे में ) : धारा ८५ : मुख्तारनामों (अभिकरण पत्र / प्रतिनिधि पत्र ) के बारे में उपधारणा : न्यायालय यह उपधारित करेगा कि हर ऐसी दस्तावेज जिसका… more »
धारा ८५ : जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ८५ : जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है, ऐसे व्यक्ति का कार्य : जब कोई बात, जो ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाती है, जो उसे करते समय मत्तता के कारण उस कार्य की प्रकृति, या यह की… more »