भारत का संविधान :
अनुच्छेद ३१७ :
लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना ।
१)खंड (३) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर किए गए राष्ट्रपति के ऐसे आदेश से उसके पद से हटाया जाएगा जो उच्चतम न्यायालय को राष्ट्रपति द्वारा निर्देश किए जाने पर उस न्यायालय द्वारा अनुच्छेद १४५ के अधीन इस निमित्त विहित प्रक्रिया के अनुसार की गई जांच पर, यह प्रतिवेदन किए जाने के पश्चात् किया गया है कि, यथास्थिति, अध्यक्ष या ऐसे किसी सदस्य को ऐसे किसी आधार पर हटा दिया जाए ।
२) आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को, जिसके संबंध में, खंड (१) के अधीन उच्चतम न्यायालय को निर्देश किया गया है, संघ आयोग या संयुक्त आयोग की दशा में राष्ट्रपति और राज्य आयोग की दशा में राज्यपाल १.(***) उसके पद से तब तक के लिए निलंबित कर सकेगा जब तक राष्ट्रपति ऐसे निर्देश पर उच्चतम न्यायालय का प्रतिवेदन मिलने पर अपना आदेश पारित नहीं कर देता है ।
३) खंड (१) में किसी बात के होते हुए भी, यदि लोक सेवा आयोग का, यथास्थिति, अध्यक्ष या कोई अन्य सदस्य-
क) दिवालिया न्यायनिर्णीत किया जाता है, या
ख) अपनी पदावधि में अपने पद के कर्तव्यों के बाहर किसी सवेतन नियोजन में लगता है, या
ग) राष्ट्रपति की राय में मानसिक या शारीरिक शैथिल्य के कारण अपने पद पर बने रहने के लिए अयोग्य है,
तो राष्ट्रपति, अध्यक्ष या ऐसे अन्य सदस्य को आदेश द्वारा पद से हटा सकेगा ।
४) यदि लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या कोई अन्य सदस्य, निगमित कंपनी के सदस्य के रूप में और कंपनी के अन्य सदस्यों के साथ सम्मिलित रूप से अन्यथा, उस संविदा या करार से, जो भारत सरकार या राज्य सरकार के द्वारा या निमित्त की गई या किया गया है, किसी प्रकार से संपृक्त या हितबध्द है या हो जाता है या उसके लाभ या उससे उद्भूत किसी फायदे या उपलब्धि में भाग लेता है तो वह खंड (१) के प्रयोजनों के लिए कदाचार का दोषी समझा जाएगा ।
---------
१.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा या राजप्रमुख शब्दों का लोप किया गया ।
# Indian Constitution in Hindi article 317.
# Constitution of India in hindi article 317.
INSTALL Android APP
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।