सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम २००३
(२००३ का अधिनियम संख्यांक ३४)
सिगरेटों और अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन का प्रतिषेध करने और उनमें व्यापार तथा वाणिज्य के तथा उनके उत्पादन, प्रदाय और वितरण के विनियमन के लिए और उनसे संबंधित या उनके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम
३९वीं विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्ल्यू० एच० ओ०) ने १५ मई, १९८६ को हुए अपने चौदहवें पूर्ण अधिवेशन में पारित किए गए संकल्प द्वारा डब्ल्यू० एच० ओ० के उन सदस्य राज्यों से जिन्होंने उपायों को कार्यान्वित करने के लिए अभी तक कुछ नहीं किया है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि धूम्रपान न करने वालों को तम्बाकू के धुएं के अनचाहे प्रभाव से बचाने के लिए प्रभावी संरक्षण दिया गया है और तम्बाकू के उपयोग का व्यसनी बनने से बच्चों और युवाओं को संरक्षण देने के लिए प्रभावी सुरक्षा की व्यवस्था की गई है, अनुरोध किया गया था;
और ४३वीं विश्व स्वास्थ्य सभा ने १७ मई, १९९० को हुए अपने चौदहवें पूर्ण अधिवेशन में ३९वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में पारित संकल्प में व्यक्त की गई चिंताओं को दोहराया और सदस्य राज्यों से उनकी तम्बाकू नियंत्रण रणनीति योजना में विधान के लिए विचार करने हेतु और अपने नागरिकों की सुरक्षा करने के लिए जोखिम समूहों की और जैसे कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर तम्बाकू के धुएं के अनचाहे प्रभाव से जोखिम की ओर विशेष ध्यान देने, तम्बाकू के उपयोग को हतोत्साहित करने तथा प्रगतिशील निबंधन अधिरोपित करने तथा तम्बाकू से संबंधित सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापनों, संवर्धन और प्रयोजन को कम करने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किया गया;
और लोकहित में तथा लोक स्वास्थ्य का संरक्षण करने के लिए तम्बाकू के बारे में एक व्यापक विधि अधिनियमित करना समीचीन समझा गया है;
और सामान्यत: लोक स्वास्थ्य में सुधार लाने की दृष्टि से, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद ४७ में दिया गया है, सिगरेटों तथा अन्य तम्बाकू उत्पादों के, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, उपभोग को प्रतिषिद्ध करना समीचीन है;
और सिगरेटों तथा अन्य तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापन का प्रतिषेध करने और उनके व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण के विनियमन और उनसे संबंधित या उनके आनुषंगिक विषयों के लिए उपबंध करना समीचीन है;
भारत गणराज्य के चौवनवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो :-
धारा १ :
संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ :
(१) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, २००३ है।
(२) इसका विस्तार संपूर्ण भारत पर है।
(३) यह उस तारीख को प्रवृत्त होगा जिसे केन्द्रीय सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियत करे; और उस अधिनियम के भिन्न-भिन्न उपबंधों के लिए भिन्न-भिन्न तारीखें नियत की जा सकेंगी।
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