सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
धारा ११२ :
व्यावृत्तियां :
१.(१) इस संहिता में अन्तर्विष्ट किसी भी बात के बारे में यह नहीं समझा जाएगा कि वह -
क) संविधान के अनुच्छेद १३६ या अन्य किसी उपबन्ध के अधीन उच्चतम न्यायालय की शक्तियों पर प्रभाव डालती है, अथवा
ख) उच्चतम न्यायालय में अपीलों को उपस्थित करने के लिए या उसके सामने उनके संचालन के लिए उस न्यायालय द्वारा बनाए गए और तत्समय प्रवृत्त किन्हीं नियमों में हस्तक्षेप करती है ।)
२) इसमें अन्तर्विष्ट कोई भी बात किसी भी दाण्डिक या नावधिकरण विषयक या उपनावधिकरण विषयक अधिकारिता के विषय को अथवा प्राइज न्यायालयों के आदेशों और डिक्रियों की अपीलों को लागू नहीं होती ।
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१. विधि अनुकूलन आदेश १९५० द्वारा पूर्ववर्ती उपधारा (१) के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
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