दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय १३ :
जाँचों और विचारणों में दण्ड न्यायालयों की अधिकारिता :
धारा १८२ :
पत्रों आदि द्वारा किए गए अपराध :
१) किसी ऐसे अपराध की, जिसमे छल करना भी है, जाँच या उनका विचारण, उस दशा में जिसमें ऐसी प्रवंचना पत्रों या दूरसंचार संदेशो के माध्यम से की गई है ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर ऐसे पत्र या संदेश भेजे गए है या प्राप्त किए गए है तथा छल करने और बेईमानी से संपत्ती का परिदान उत्प्रेरित करने वाले किसी अपराध की जाँच या उनका विचारण ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर संपत्ति, प्रवंचित व्यक्ति द्वारा परिदत्त की गई है या अभियुक्त व्यक्ति द्वारा प्राप्त की गई है ।
२)भारतीय दण्ड संहिता,१८६० (१८६० का ४५) की धारा ४९४ या धारा ४९५ के अधीन दण्डनीय किसी अपराध की जाँच या उनका विचारण ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर अपराध किया गया है या अपराधी ने प्रथम विवाह की अपनी पत्नी या पति के साथ अंतिम बार निवास किया है या प्रथम विवाह की पत्नी अपराध के किए जाने के पश्चात् स्थायी रुप से निवास करती है ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 182.
section 182 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 182 in hindi .
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