दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय ३ :
न्यायालयों की शक्ति :
धारा ३५ :
न्यायाधीशों और मजिस्ट्रेटों की शक्तियों का उनके पद-उत्तरवर्तियों द्वारा प्रयोग किया जा सकना :
१)इस संहिता के अन्य उपबन्धों के अधीन रहते हुए, किसी न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट की शक्तियों और कर्तव्यों का प्रयोग या पालन उसके पद-उत्तरवर्ती द्वारा किया जा सकता है ।
२)जब इस बारें में कोई शंका है कि किसी अपर या सहायक सेशन न्यायाधीश का पद-उत्तरवर्ती कौन है तब सेशन न्यायधीश लिखित आदेश द्वारा यह अवधारित करेगा कि कौन-सा न्यायाधीश इस संहिता के या इसके अधीन किन्हीं कार्यवाहियों या आदेशों के प्रयोजनों के लिए ऐसे अपर या सहायक सेशन न्यायाधीश का पद-उत्तरवर्ती समझा जाएगा ।
३)जब इस बारें में कोई शंका है कि किसी मजिस्ट्रेट का पद उत्तरवर्ती कौन है तब, यथास्थिती, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या जिला मजिस्ट्रेट लिखित आदेश द्वारा यह अवधारित करेगा कि कौन-सा मजिस्ट्रेट इस संहिता के, या इसके अधीन किन्हीं कार्यवाहियों या आदेशों के, प्रयोजनों के लिए ऐसे मजिस्ट्रेट का पद-उत्तरवर्ती समझा जाएगा ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 35.
section 35 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1974 section 35 in hindi .
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