ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४०
धारा ३३ टक :
१.(विनिर्माता, आदि के नाम का प्रकटन :
ऐसा प्रत्येक व्यक्ति, जो किसी आयुर्वेदिक, सिद्ध या यूनानी ओषधि का विनिर्माता या उसके वितरण के लिए उसका अभिकर्ता नहीं है, यदि उससे ऐसी अपेक्षा की जाए, निरीक्षक को उस व्यक्ति का नाम, पता और अन्य विशिष्टियां प्रकट करेगा जिससे उसने वह आयुर्वेदिक, सिद्ध या यूनानी ओषधि अर्जित की है।
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१. २००८ के अधिनियम सं० २६ की धारा १७ द्वारा अंत:स्थापित।
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