ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४०
धारा ३६कघ :
विशेष न्यायालय के समक्ष कार्यवाहियों को दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) का लागू होना :
(१) इस अधिनियम के अधीन जैसा अन्यथा उपबंधित है, उसके सिवाय दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) के उपबंध (जमानत या बंधपत्रों के बारे में उपबंधों सहित) विशेष न्यायालय के समक्ष कार्यवाहियों को लागू होंगे ओर उक्त उपबंधों के प्रयोजनों के लिए, विशेष न्यायालय सेशन न्यायालय समझा जाएगा तथा विशेष न्यायालय के समक्ष अभियोजन का संचालन करने वाला व्यक्ति लोक अभियोजक समझा जाएगा:
परन्तु केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार किसी मामले या मामलों के किसी वर्ग या समूह के लिए विशेष लोक अभियोजक भी नियुक्त कर सकेगी।
(२) कोई व्यक्ति इस धारा के अधीन लोक अभियोजक या विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए तभी अर्हित होगा जब वह संघ या राज्य के अधीन अधिवक्ता के रुप में कम से कम सात वर्ष तक विधि व्यवसाय में रहा है जिसके लिए विधि का विशेष ज्ञान अपेक्षित है।
(३) इस धारा के अधीन लोक अभियोजक या विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त प्रत्येक व्यक्ति दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) की धारा २ के खंड (प) के अर्थान्तर्गत लोक अभियोजक समझा जाएगा और उस संहिता के उपबंध तदनुसार प्रभावी होंगे।
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