हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम १९५६
धारा १२ :
गोत्रजों और बन्धुओं में उत्तराधिकार का क्रम :
गोत्रजों या बन्धुओं में, यथास्थिति, उत्तराधिकार का क्रम यहां नीचे दिए हुए अधिमान के नियमों के अनुसार अवधारित किया जाएगा -
नियम १ :
दो वारिसों में से उसे अधिमान प्राप्त होगा जिसकी उपरली ओर की डिग्रियां अपेक्षातर कम हों या हों ही नहीं।
नियम २ :
जहां कि उपरली ओर की डिग्रियों की संख्या एक समान हो या हों ही नहीं उस वारिस को अधिमान प्राप्त होगा जिसकी निचली ओर की डिग्रियां अपेक्षातर कम हों या हों ही नहीं।
नियम ३ :
जहां कि नियम १ या नियम २ के अधीन कोई भी वारिस दूसरे से अधिमान का हकदार न हो वहां वे दोनों साथ-साथ अंशदायी होंगे।
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