Category: "दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३"
धारा २१६ : न्यायालय आरोप परिवर्तित कर सकता है :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : आरोप : क - आरोपों का प्ररुप : धारा २१६ : न्यायालय आरोप परिवर्तित कर सकता है : १)कोई भी न्यायालय निर्णय सुनाए जाने के पूर्व किसी समय किसी भी आरोप में, परिवर्तन या परिवर्धन कर सकता है । २)ऐसा प्रत्येक परिवर्तन या… more »
धारा २१५ : गलतियों का प्रभाव : अपराध के ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : आरोप : क - आरोपों का प्ररुप : धारा २१५ : गलतियों का प्रभाव : अपराध के उन विशिष्टियों के, जिनका आरोप में कथन होना अपेक्षित है, कथन करने में किसी गलती को और उस अपराध या उन विशिष्टियों के कथन करेन में किसी लोप को… more »
धारा २१४ : आरोप के शब्दों का वह अर्थ लिया जाएगा जो उनका...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : आरोप : क - आरोपों का प्ररुप : धारा २१४ : आरोप के शब्दों का वह अर्थ लिया जाएगा जो उनका उस विधि में है जिसके अधीन वह अपराध दण्डनीय है : प्रत्येक आरोप में अपराध का वर्णन करने में उपयोग में लाए गए शब्दों को उस अर्थ में… more »
धारा २१३ : कब अपराध किए जाने की रीति कथित की जानी चाहिए :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : आरोप : क - आरोपों का प्ररुप : धारा २१३ : कब अपराध किए जाने की रीति कथित की जानी चाहिए : जब मामला इस प्रकार का है कि धारा २११ और २१२ में वर्णित विशिष्टियाँ अभियुक्त को उस बात की, जिसका उस पर आरोप है, पर्याप्त सूचना… more »
धारा २१२ : समय, स्थान और व्यक्ति के बारे में विशिष्टियाँ :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : आरोप : क - आरोपों का प्ररुप : धारा २१२ : समय, स्थान और व्यक्ति के बारे में विशिष्टियाँ : १)अभिकथित अपराध के समय और स्थान के बारे में और जिस व्यक्ति के (यदि कोई हो), विरुद्ध अथवा जिस वस्तु के (यदि कोई हो) विषय में… more »
धारा २११ : आरोप की अन्तर्वस्तु : १)इस संहिता ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : आरोप : क - आरोपों का प्ररुप : धारा २११ : आरोप की अन्तर्वस्तु : १)इस संहिता के अधीन प्रत्येक आरोप में उस अपराध का कथन होगा जिसका अभियुक्त पर आरोप है । २)यदि उस अपराध का सृजन करने वाली विधि द्वारा उसे कोई विनिर्दिष्ट… more »
धारा २१० : परिवाद वाले मामलें में अनुसरण की जाने वाली ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १६ : मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही का प्रारंभ किया जाना : धारा २१० : परिवाद वाले मामलें में अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया और उसी अपराध के बारे में पुलिस अन्वेषण : १)जब पुलिस रिपोर्ट से भिन्न आधार पर संस्थित किसी मामले… more »
धारा २०९ : जब अपराध अनन्यत: सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १६ : मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही का प्रारंभ किया जाना : धारा २०९ : जब अपराध अनन्यत: सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है तब मामला उसे सुपुर्द करना : जब पुलिस रिपोर्ट पर या अन्यथा संस्थित किसी मामले में अभियुक्त मजिस्ट्रेट… more »
धारा २०८ : सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय अन्य मामलों में..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १६ : मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही का प्रारंभ किया जाना : धारा २०८ : सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय अन्य मामलों में अभियुक्त को कथनों और दस्तावेजों की प्रतिलिपियाँ देना : जहाँ पुलिस रिपोर्ट से भिन्न आधार पर संस्थित किसी… more »
धारा २०७ : अभियुक्त को पुलिस रिपोर्ट या अन्य दस्तावेजों ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १६ : मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही का प्रारंभ किया जाना : धारा २०७ : अभियुक्त को पुलिस रिपोर्ट या अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि देना : किसी ऐसे मामले में जहाँ कार्यवाही पुलिस रिपोर्ट के आधार पर संस्थित की गई है,… more »