भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी :
धारा ४३५ :
सौ रुपए का या (कृषि उपज की दशा में) दस रुपए का नुकसान कारित करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिष्टि :
अपराध का वर्गीकरण :
अ्रपराध : सौ रुपए या उससे अधिक का, अथवा कृषि उपज की दशा में दस रुपए या उससे अधिक का नुकसान कारित करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिष्टि ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट (राज्य संशोधन, मध्यप्रदेश : सेशन न्यायालय) ।
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जो कोई किसी संपत्ति को, एक सौ रुपए या उसके अधिक का १.(या (जहां कि संपत्ति कृषि उपज हो, वहां) दस रुपए या उससे अधिक) का नुकसान कारित करने के आशय से, या यह संभाव्य जानते हुए कि वह तद्द्वारा ऐसा नुकसान कारित करेगा, अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
राज्य संशोधन :
मध्यप्रदेश :
धारा ४३५ के अधीन अपराध सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है ।
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१. १८८२ के अधिनियम सं० ८ की धारा १० द्वारा अन्त:स्थापित ।
#Ipc 1860 in Hindi section 435
#Section 435 of Indin Penal Code 1860 Hindi
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