भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी :
धारा ७३ :
एकान्त परिरोध (कारावास/कैद ) :
कोई व्यक्ती ऐसे जब कभी ऐसे अपराध के लिए दोषसिद्ध ठहराया जाता है जिसके लिए न्यायालय को इस संहिता के अधीन उसे कठिन कारावास से दण्डादिष्ट करने की शक्ती है, तो न्यायालय अपने दण्डादेश द्वारा आदेश दे सकेगा कि अपराधी को उस कारावास के, जिसके लिए वह दण्डादिष्ट किया गया है, किसी भाग या भागों के लिए, जो कुल मिलाकर तीन मास से अधिक के न होंगे, निम्म मापमान के अनुसार एकांत परिरोध (कारावास/कैद) में रखा जाएगा, अर्थात्-
यदि कारावास की अवधि छह मास से अधिक न हो तो एक मास से अनधिक समय;
यदि कारावास की अवधि छह मास से अधिक हो और १.(एक वर्ष से अधिक न हो) तो दो मास से अनधिक समय;
यदि कारावास की अवधि एक वर्ष से अधिक हो तो तीन मास से अनधिक समय ।
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१. १९८२ के अधिनियम सं० ८ की धारा ५ द्वारा एक वर्ष से कम नहीं हो के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
#Ipc 1860 in Hindi section 73
#Section 73 of Indin Penal Code 1860 Hindi
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