सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०००
धारा ६३ :
अपराधों का शमन :
१)इस १.(अधिनियम) के अधीन कोई उल्लंघन, न्यायनिर्णयन कार्यवाहियों के संस्थापन के पूर्व या पश्चात्, यथास्थिति, नियंत्रक या उसके द्वारा सस निमित्त विशेष रूप से प्राधिकृत किसी अन्य अधिकारी द्वारा न्यायनिर्णायक अधिकारी द्वारा, ऐसी शर्तां के अधीन रहते हुए, जो नियंत्रक या ऐसे अन्य अधिकारी द्वारा विनिर्दिेष्ट की जाए, शमन किया जा सकेगा :
परन्तु ऐसी राशि, किस भी दशा में, शास्ति की उस अधिकतम रकम से अधिक नहीं होगी, जो इस अधिनियम के अधी इस प्रकार शमन किए गए उल्लंघन के लिए अधिरोपित है ।
२)उपधारा (१) की कोई बात, उस व्यक्ति को लागू होंगी, जो उसके द्वारा किए गए पहले उल्लंघन, जिसका शमन किया गया था, की तारीख से तीन वर्ष की अवधि के भीतर वही या वैसा ही उल्लंघन करता है ।
स्पष्टीकरण- सस उपधारा के प्रयोजनों के लिए, उस तारीख से, जिसको उल्लंघन का पहले शमन किया गया था, तीन वर्ष की अवधि की समाप्ति के पश्चात् किया गया कोई दूसरा या पश्चात्वर्ती उल्लंघन पहला उल्लंघन समझा जाएगा।
३) जहां उपधारा (१) के अधीन किसी उल्लंघन का शमन किया गया है, वहां इस प्रकार शमन किए गए उल्लंघन की बाबत उस उल्लंघन के दोषी व्यक्ति के विरूध्द, यथास्थिति, कोई कार्यवाही या अतिरिक्त कार्यवाही नहीं कीा जाएगी ।
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१. का. आ. १०१५(अ) तारीख १९-०९-२००२ द्वारा प्रतिस्थापित ।
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