सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०००
धारा ७२क :
१.(विधिपूर्ण संविदा का भंग करते हुए सूचना के प्रकटन के लिए दंड :
इस अधिनियम या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में यथा उपबंधित के सिवाय, कोई व्यक्ति, जिसके अंतर्गत मध्यवर्ती भी है, जिसने, विधिपूर्ण संविदा के निबंधनों के अधीन सेवाएं उपलब्ध कराते समय,ऐसी किसी सामग्री तक, जिसमें किसी अन्य व्यक्ति के बारे में व्यक्तिगत सूचना अंतर्विष्ट है, पहुंच प्राप्त कर ली है, सदोष हानि या सदोष अभिलाभ कारित करने के आशय से या यह जानते हुए कि उसे सदोष हानि या सदोष अभिलाभ कारित होने की संभावना है, संबंधित व्यक्ति की सम्मति के बिना या किसी विधिपूर्ण संविदा का भंग करते हुए किसी अन्य व्यक्ति को ऐसी सामग्री प्रकट करता है, तो वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच लाख रूपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।)
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१. २००९ के अधिनियम सं. १० की धारा ३७ द्वारा अंत:स्थापित ।
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