किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम २०१५
अध्याय ५ :
बाल कल्याण समिति :
धारा २७ :
बाल कल्याण समिति ।
१) राज्य सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, प्रत्येक जिले के लिए इस अधिनियम के अधीन देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक के संबंध में एक या अधिक बाल कल्याण समितियों का, ऐसी समितियों को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने और कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए गठन करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि समिति के सभी सदस्यों के अधिष्ठापन, प्रशिक्षण और संवेदनशीलता की, अधिसूचना की तारीख से दो मास के भीतर व्यवस्था की जाए ।
२) समिति, एक अध्यक्ष और चार ऐसे अन्य सदस्यों से मिलकर बनेगी, जिन्हें राज्य सरकार नियुक्त करना ठीक समझे और उनमें से कम से कम एक महिला होगी और दूसरा बालकों से संबंधित विषयों को विशेषज्ञ होगा ।
३) जिला बालक संरक्षण एकक एक सचिव और उतने अन्य कर्मचारिवृंद उपलब्ध कराएगा, जितने समिति को उसके प्रभावी कार्यकरण हेतु सचिवालयिक सहायता के लिए अपेक्षित हों ।
४) किसी व्यक्ति को समिति के सदस्य के रुप में तब तक नियुक्त नहीं किया जाएगा जब तक ऐसा व्यक्ति कम से कम सात वर्ष तक बालकों से संबंधित स्वास्थ्य, शिक्षा या कल्याण संबंधी कार्यकलापों में सक्रिय रुप से अंतर्वलित न हो या बाल मनोविज्ञान या मनोरोग विज्ञान या विधि या सामाजिक कार्य या समाज विज्ञान अथवा मानव विकास में डिग्री के साथ व्यवसायतर व्यवसायी न हो ।
५) किसी व्यक्ति को सदस्य के रुप में तब तक नियुक्त नहीं किया जाएगा जब तक उसके पास ऐसी अर्हताएं न हो जो विहित की जाएं ।
६) किसी व्यक्ति को सदस्य के रुप में तीन वर्ष से अधिक की अवधि के लिए नियुक्त नहीं किया जाएगा ।
७) राज्य सरकार द्वारा समिति के किसी सदस्य की नियुक्ति, जांच किए जाने के पश्चात् समाप्त कर दी जाएगी, यदि -
एक) वह इस अधिनियम के अधीन उसमें निहित शक्ति के दुरुपयोग का दोषी पाया गया हो;
दो) वह किसी ऐसे अपराध का सिद्धदोष ठहराया गया हो जिसमें नैतिक अधमता अंतर्वलित है और ऐसी दोषसिद्धि को उलटा नहीं गया है या ऐसे अपराध की बाबत उसे पूर्ण क्षमा प्रदान नहीं की गई है;
तीन) वह, किसी विधिमान्य कारण के बिना लगातार तीन मास तक, समिति की कार्यवाहियों में उपस्थित रहने में असफल रहता है या किसी वर्ष में कम से कम तीन चौथाई बैठकों में उपस्थित रहने में असफल रहता है ।
८) जिला मजिस्ट्रेट, समिति के कार्यकारण का तिमाही पुनर्विलोकन करेगा ।
९) समिति न्यायपीठ के रुप में कार्य करेगी और उसे दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) द्वारा, यथास्थिति महानगर मजिस्ट्रेट या प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट को प्रदत्त शक्तियों प्राप्त होंगी ।
१०) जिला मजिस्ट्रेट, बाल कल्याण समिति का शिकायत निवारण प्राधिकारी होगा और बालक से संबंधित कोई व्यक्ति, जिला मजिस्ट्रेट को अर्जी फाईल कर सकेगा जो उस पर विचार करेगा और समुचित आदेश पारित करेगा ।
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