सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश २० :
नियम ५-क :
१.(जिन मामलों में पक्षकारों का प्रतिनिधित्व प्लीडरों द्वारा न किया गया हो उनमें न्यायालय द्वारा पक्षकारों को इस बात की इत्तिला दिया जाना कि अपील कहां की जा सकेगी :
उस दशा के सिवाय जिसमें दोनों पक्षकारों का प्रतिनिधित्व प्लीडरों द्वारा किया गया है, न्यायालय ऐसे मामलों में जिनकी अपील हो सकती है, अपना निर्णय सुनाते समय न्यायालय में उपस्थित पक्षकारों को यह इत्तिला देगा कि किस न्यायालय में अपील की जा सकती है और ऐसी अपील फाइल करने के लिए परीसीमा काल कितना है और पक्षकारों को इस प्रकार दी गई इत्तिला को अभिलेख में रखेगा ।)
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१. १९७६ के अधिनियम सं. १०४ की धारा ७० द्वारा (१-२-१९७७ से) नियम १ को उपनियम १ के रुप में पुन:संख्याकित किया गया और २०१६ के अधिनियम सं. ४ की धारा १६ और अनुसूची द्वारा प्रतिस्थापित ।
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