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धारा १०४ : कब ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यू से भिन्न ...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा १०४ : कब ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है : यदी वह अपराध, जिसके किए जाने या जिसके किए जाने के प्रयत्न से निजी(प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार के प्रयोग का अवसर आता है, ऐसी चोरी,… more »