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धारा २१-क : वाद लाने के स्थान के बारे में आक्षेप पर..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ धारा २१-क : वाद लाने के स्थान के बारे में आक्षेप पर डिक्री को अपास्त करने के लिए वाद का वर्जन : उसी हक के अधीन मुकदमा करने वाले उन्हीं पक्षकारों के बीच या ऐसे पक्षकारों के बीच जिनसे व्युत्पन्न अधिकार के अधीन वे या उनमें से… more »