धारा ८१ : वह कार्य, जिससे अपहानि कारित होना संभाव्य है...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ८१ : वह कार्य, जिससे अपहानि कारित होना संभाव्य है, किन्तु जो आपराधिक आशय (उद्देश) के बिना और अन्य अपहानि न हो या निवारण के लिए किया गया है : जो कोई बात, केवल इस कारण यह जानते कुए की गई है कि उससे अपहानि कारि होना… more »
धारा ८० : विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना(अपघात) :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ८० : विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना(अपघात) : जो कोई बात, दुर्घटना या दुर्भाग्य से और किसी आपराधिक आशय या ज्ञान के सिवाय विधिपूर्ण प्रकार से विधिपूर्ण साधनों द्वारा और उचित सावधानी और सतर्कता के साथ विधिपूर्ण कार्य… more »
धारा ७९ : विधि द्वारा न्यायानुमत(समर्थित) या तथ्य की..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ७९ : विधि द्वारा न्यायानुमत (समर्थित) या तथ्य (वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य : जो कोई बात, ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाए , जो उसे करने के… more »
धारा ७८ : न्यायालय के निर्णय या आदेशके अनुसरण में किया..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ७८ : न्यायालय के निर्णय या आदेशके अनुसरण में किया गया कार्य : जो कोई बात, न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में की जाए या उसके द्वारा अधिदिष्ट हो, यदि वह उस निर्णय या आदेश के प्रवृत्त रहते की जाए, तो अपराध नहीं है,… more »
धारा ७७ : न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ७७ : न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य : जो कोई बात, न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश द्वारा ऐसी किसी शक्ती के प्रयोग में की जाती है, जो या जिसके बारे में उसे सद्भावपूर्वक विश्वास है कि वह उसे विधि द्वारा… more »
धारा ७६ : विधि द्वारा बंधा हुआ या तथ्य(वस्तुत:) की भूल..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : अध्याय ४ : साधारण अपवाद : धारा ७६ : विधि द्वारा बंधा हुआ या तथ्य(वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा बंधा हुआ होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य : कोई बात, जो किसी ऐसे व्यक्ती द्वारा की जाए… more »
धारा ७५ : अध्याय १२ या अध्याय १७ के अधीन पुर्व दोषसिद्धि..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ७५ : १.(अध्याय १२ या अध्याय १७ के अधीन पुर्व दोषसिद्धि के पश्चात् कतिपय(कुछ) अपराधों के लिए वर्धित (जादा/बढाकर) दण्ड : जो कोई व्यक्ती - क) २.(भारत) में के किसी न्यायालय द्वारा इस संहिता के अधाय १२ या अध्याय १७ के अधीन… more »
धारा ७४ : एकान्त परिरोध(कारावास/कैद) की अवधि :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ७४ : एकान्त परिरोध(कारावास/कैद) की अवधि : एकान्त परिरोध(कारावास/कैद) के दण्डादेश के निष्पादन(अंमल) में ऐसा परिरोध किसी भी दशा में एक बार में चौदह दिन से अधिक न होगा, साथ ही ऐसे एकान्त परिरोध की कालावधियों के बीच में… more »
धारा ७३ : एकान्त परिरोध( कारावास/कैद ) : कोई व्यक्ती..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ७३ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद ) : कोई व्यक्ती ऐसे जब कभी ऐसे अपराध के लिए दोषसिद्ध ठहराया जाता है जिसके लिए न्यायालय को इस संहिता के अधीन उसे कठिन कारावास से दण्डादिष्ट करने की शक्ती है, तो न्यायालय अपने दण्डादेश… more »
धारा ७२ : कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ती के लिए..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ७२ : कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ती के लिए दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह (शंका) है कि वह किस अपराध के लिए दोषी है : जिनमें यह निर्णय दिया जाता है कि कोई व्यक्ती उस निर्णय में विनिर्दिष्ट कई अपराधों… more »