दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय १० :
ख - लोक न्यूसेंस (कंटक / व्याधा / बाधा ) :
धारा १३७ :
जहाँ लोक अधिकार के अस्तित्व से इन्कार किया जाता है वहाँ प्रकिया :
१) जहाँ किसी मार्ग, नदी, जलसारणी या स्थान के उपयोग में जनता को होने वाली बाधा, न्यूसेंन्स या खतरे का निवारण करने के प्रयोजन के लिए कोई आदेश धारा १३३ के अधीन किया जाता है वहाँ मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति के जिसके विरुद्ध वह आदेश किया गया है अपने समक्ष हाजिर होने पर, उससे प्रश्न करेगा कि क्या वह उस मार्ग, नदी, जलसारणी या स्थान के बारे में किसी लोक अधिकार के अस्तित्व से इंकार करता है और यदि वह ऐसा करता है तो मजिस्ट्रेट धारा १३८ के अधीन कार्यवाही करने के पहले उस बात की जाँच करेगा ।
२)यदि ऐसी जाँच में मजिस्ट्रेट इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि ऐसे इंकार के समर्थन में कोई विश्वसनीय साक्ष्य है तो वह कार्यवाही को तब तक के लिए रोक देगा जब तक ऐसे अधिकार के अस्तित्व का मामला सक्षम न्यायालय द्वारा विनिश्चित नहीं कर दिया जाता है और यदि वह इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है तो वह धारा १३८ के अनुसार कार्यवाही करेगा ।
३)मजिस्ट्रेट द्वारा उपधारा (१) के अधीन प्रश्न किए जाने पर, जो व्यक्ति उसमें निर्दिष्ट प्रकार के लोक अधिकार के अस्तित्व से इंकार नहीं करता है या ऐसा इंकार करने पर उसके समर्थन में विश्वसनीय साक्ष्य देने में असफल रहता है उसे पश्चात्वर्ती कार्यवाहियों में ऐसा कोई इंकार करने नहीं दिया जाएगा ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 137.
section 137 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 137 in hindi .
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