दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय ३२ :
घ - निष्पादन के बारे में साधारण उपबंध :
धारा ४२७ :
ऐसे अपराधी को दण्डादेश जो अन्य अपराध के लिए पहले से दण्डादिष्ट है :
१)जब कारावास का दण्डादेश पहले से ही भोगने वाले व्यक्ति को पश्चात्वर्ती दोषसिद्धी पर कारावास या आजीवन कारावास का दण्डादेश दिया जाता है तब जब तक न्यायालय यह निदेश न दे कि पश्चात्वर्ती दण्डादेश ऐसे पूर्व दण्डादेश के साथ-साथ भोगा जाएगा, ऐसा कारावास या आजीवन कारावास उस कारावास की समाप्ति पर, जिसके लिए, वह पहले दण्डादिष्ट हुआ था, प्रारंभ होगा :
परन्तु जहाँ उस व्यक्ति को, जिसे प्रतिभूति देने में व्यतिक्रम करने पर धारा १२२ के अधीन आदेश द्वारा कारावास का दण्डादेश दिया गया है ऐसा दण्डादेश भोगने के दौरान ऐसे आदेश के दिए जाने के पूर्व किए गए अपराध के लिए कारावास का दण्डादेश दिया जाता है, वहाँ पश्चात्कथित दण्डादेश तुरन्त प्रारंभ हो जाएगा ।
२)जब किसी व्यक्ति को, जो आजीवन कारावास का दण्डादेश पहले से ही भोग रहा है, पश्चातवर्ती दोषसिद्धी पर किसी अवधि के कारावास या आजीवन कारावास का दण्डादेश दिया जाता है तब पश्चात्वर्ती दण्डादेश पूर्व दण्डादेश के साथ-साथ भोगा जाएगा ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 427.
section 427 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 427 in hindi .
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