दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय ३२ :
घ - निष्पादन के बारे में साधारण उपबंध :
धारा ४२६ :
निकल भागे सिद्धदोष पर दण्डादेश कब प्रभावशील होगा :
१)जब निकल भागे सिद्धदोष को इस संहिता के अधीन मृत्यु, आजीवन कारावास या जुर्माने का दण्डादेश दिया जाता है तब ऐसा दण्डादेश इसमें इसके पूर्व अन्तर्विष्ट उपबंधो के अधीन रहते हुए तुरन्त प्रभावी हो जाएगा ।
२)जब निकल भागे सिद्धदोष को इस संहिता के अधीन किसी अवधि के कारावास का दण्डादेश दिया जाता है तब -
क)यदि ऐसा दण्डादेश उस दण्डादेश से कठोरतर किस्म का हा जिसे ऐसा सिद्धदोष, जब वह निकल भागा था, तब भोग रहा था तो नया दण्डादेश तुरन्त प्रभावी हो जाएगा;
ख)यदि ऐसा दण्डादेश उस दण्डादेश से कठोरतर किस्म का न हो जिसे ऐसा सिद्धदोष, जब वह निकल भागा था तब, भोग रहा था, तो नया दण्डादेश, उसके द्वारा उस अतिरिक्त अवधि के लिए कारावास भोग लिए जाने के पश्चात् प्रभावी होगा, जो उसके निकल भागने के समय उसके पूर्ववर्ती दण्डादेश की शेष अवधि के बराबर है ।
३)उपधारा (२) के प्रयोजनों के लिए , कठोर कारावास का दण्डादेश सादा कारावास के दण्डादेश से कठोरतम किस्म का समझा जाएगा ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 426.
section 426 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 426 in hindi .
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