दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय ३ :
न्यायालयों की शक्ति :
धारा २७ :
किशोरों के मामलों में अधिकारिता :
किसी ऐसे अपराध का विचारण, जो मृत्यू या अजीवन कारावास से दण्डनीय नहीं है और जो ऐसे व्यक्ती द्वारा किया गया है, जिसकी आयु उस तारीख को, जब वह न्यायालय के समक्ष हाजिर हो या लाया जाए, सोलह वर्ष से कम है, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय द्वारा या किसी ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसके बालक अधिनियम, १९६० (१९६० का ६०) या किशोर अपराधियों के उपचार, प्रशिक्षण और पुनर्वास के लिए उपबन्ध करने वाली तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन विशेष रुप से सशक्त किया गया है ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 27.
section 27 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1974 section 27 in hindi .
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