ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४०
धारा ३४कक :
१.(तंग करने वाली तलाशी या अभिग्रहण के लिए शास्ति :
इस अधिनियम या उसके अधीन बनाए गए नियमों के अधीन शक्तियों का प्रयोग करने वाला कोई निरीक्षक जो -
(क) संदेह के युक्तियुक्त आधार के बिना किसी स्थान, यान, जलयान या अन्य सवारी की तलाशी लेगा : या
(ख) किसी व्यक्ति की तंग करने वाले रूप में और अनावश्यक रूप से तलाशी लेगा; या
(ग) तंग करने वाले रूप में और अनावश्यक रूप में किसी ओषधि या प्रसाधन सामग्री या किसी पदार्थ या वस्तु या किसी अभिलेख, रजिस्टर, दस्तावेज या अन्य भौतिक पदार्थ का अभिग्रहण करेगा ; या
(घ) यह विश्वास करने कारण के बिना कि ऐसा कार्य उसके कर्तव्य के निष्पादन के लिए अपेक्षित है, किसी व्यक्ति को क्षति पहुंचाते हुए, ऐसे निरीक्षक के रूप में कोई अन्य कार्य करेगा, वह जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा।)
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१. १९८२ के अधिनियम सं० ६८ की धारा ३६ द्वारा (१-२-१९८३ से) अन्त स्थापित ।
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