ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४०
धारा ३६कख :
१.(विशेष न्यायालय :
केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति के परामर्श से अपमिश्रित ओषधियों या नकली ओषधियों से संबंधित और धारा १३ के खंड (क) और खंड (ख), धारा २२ की उपधारा (३), धारा २७ के खंड (क)
और खंड (ग), धारा २८, धारा २८क, धारा २८ख और धारा ३० की उपधारा (१) के खंड (ख) के अधीन दंडनीय अपराधों और अपमिश्रित ओषधियों या नकली ओषधियों से अन्य अपराधों के विचार के लिए, अधिसूचना द्वारा एक या एक से अधिक सेशन न्यायालयों को ऐसे क्षेत्र या क्षेत्रों या ऐसे मामले या मामलों के वर्ग या समूह के लिए विशेष न्यायालय या विशेष न्यायालयों के रूप में अभिहित करेगी जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किए जाएं।)
स्पष्टीकरण :
इस उपधारा में, उच्च न्यायालय से उस राज्य का उच्च न्यायालय अभिप्रेत है जिसमें विशेष न्यायालय के रूप में अभिहित सेशन न्यायालय ऐसे अभिहित किए जाने के ठीक पहले कार्य कर रहा था।
(२) इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का विचारण करते समय, विशेष न्यायालय उपधारा (१) में निर्दिष्ट अपराध से भिन्न ऐसे किसी अपराध का विचारण भी करेगा जिससे अभियुक्त दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) के अधीन उसी विचारण में आरोपित किया जाए।
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१. २००८ के अधिनियम सं० २६ की धारा २० द्वारा अन्त:स्थापित ।
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