सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
लिखित कथन
प्ररुप संख्यांक ६ :
दोषों के लिए सभी वादों में प्रतिरक्षा :
१. विभिन्न कार्यो (या बातों) का जिनके सम्बन्ध में परिवाद किया गया है, प्रत्याख्यान ।
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