भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी :
धारा ७१ :
कई (एक से अधिक) अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दण्ड की अवधि :
जहा कोई बात (कुछ भी) जो अपराध है, जिनमें का कोई भाग स्वयं अपराध है, ऐसे भागों से मिलकर बनी है, वहा अपराधी अपने ऐसे अपराधों में से एक से अधिक के दण्ड से दण्डित न किया जाएगा, जब तक कि ऐसा अभिव्यक्त रुप से उपबंधित न हो ।
१.(जहा कि कोई बात अपराधों को परिभाषित या दंडित करने वाली किसी तत्समय (उस समय) प्रवृत्त विधि की दो या अधिक पृथक (अलग) परिभाषाओं में आने वाला अपराध है, अथवा
जहा कि कई कार्य, जिनमें से स्वयं एक से या स्वयं एक से या स्वयं एकाधिक से अपराध गठित होता है, मिलकर भिन्न अपराध गठित करते है;
वहां अपराधी को उससे गुरुत्तर (बढकर) दण्ड से दण्डित न किया जाएगा, जो ऐसे अपराधों में से किसी भी एक के लिए वह न्यायालय, जो उसका विचारण करे, या उसे दे सकता हो ।
दृष्टांत :
क) (क), (य) पर लाठी से पचास प्रहार करता है । यहां, हो सकता है कि (क) ने सम्पूर्ण मारपीट द्वारा उन प्रहारों में से हर एक प्रहार द्वारा भी, जिनसे वह सम्पूर्ण मारपीट गठित है, (य) की स्वेच्छया उपहति कारित करने का अपराध किया हो । यदि (क) हर प्रहार के लिए दण्डनीय होता वह हर एक प्रहार के लिए एक वर्ष के हिसाब से पचास वर्ष के लिए कारावासित किया जा सकता था ।
किन्तु वह सम्पूर्ण मारपीट के लिए केवल एक ही दण्ड से दण्डनीय है ।
ख) किन्तु यदि उस समय जब (क), (य) को पीट रहा है, (म) हस्तक्षेप करता है, और (क), (म) पर साशय प्रहार करता है, तो यहां (म) पर किया गया प्रहार उस कार्य का भाग नहीं है, जिसके द्वारा (क), (य) को स्वेच्छया उपहति कारित करता है, इसलिए (क), (य) को स्वेच्छया कारित की गई उपहति के लिए एक दण्ड से और (म) पर किए गए प्रहार के लिए दूसरे दण्ड से दण्डनीय है ।
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१. १९८२ के अधिनियम सं० ८ की धारा ४ द्वारा अन्त:स्थापित ।
#Ipc 1860 in Hindi section 71
#Section 71 of Indin Penal Code 1860 Hindi
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