सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश १२ :
नियम ३-क :
१.( स्वीकृति के अभिलेखन की न्यायालय की शक्ति :
दस्तावेजों को स्वीकार करने के लिए सूचना नियम २ के अधीन न दी जाने पर भी न्यायालय अपने समक्ष वाली कार्यवाही के किसी भी प्रक्रम में स्वयं अपनी प्रेरणा से किसी भी पक्षकार से कोई दस्तावेज स्वीकार करने की अपेक्षा कर सकेगा और ऐसी दशा में यह अभिलेखन करेगा कि क्या पक्षकार ऐसी दस्तावेज को स्वीकार करता है या स्वीकार करने से इंकार करता है या स्वीकार करने की उपेक्षा करता है ।)
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१. १९५६ के अधिनियम ६६ की धारा १४ द्वारा अन्त:स्थापित ।
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