सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश १२ :
नियम ४ :
तथ्यों का स्वीकृत करने की सूचना :
कोई भी पक्षकार किसी भी अन्य पक्षकार से सुनवाई के लिए नियत दिन से कम से कम नौ दिन पहले किसी भी समय लिखित सूचना द्वारा अपेक्षा कर सकेगा कि वह ऐसी सूचना में वर्णित किसी या किन्ही विनिर्दिष्ट तथ्य या तथ्यों को केवल वाद के प्रयोजनों के लिए स्वीकार कर ले । और ऐसी सूचना की तामील के पश्चात् छह दिन के भीतर या ऐसे अतिरिक्त समय के भीतर जो न्यायालय द्वारा अनुज्ञात किया जाए उसको या उनको स्वीकृत करने से इंकार या उपेक्षा करने की दशा में तथ्य या तथ्यों के साबित करने का खर्चा जब तक कि न्यायालय अन्यथा निदेश न करे, इस प्रकार उपेक्षा करने या इंकार वाले पक्षकार द्वारा दिया जाएगा चाहे वाद का परिणाम कुछ भी क्यों न हो :
परन्तु ऐसी सूचना के अनुसरण में की गई किसी भी स्वीकृति के बारे में यह समझा जाएगा कि वह उस विशिष्ट वाद के प्रयोजनों के लिए ही की गई है और वह ऐसी स्वीकृति नहीं समझी जाएगी जिसका उस पक्षकार के विरुद्ध किसी अन्य अवसर पर या सूचना देने वाले पक्षकार से भिन्न किसी व्यक्ति के पक्ष में उपयोग किया जा सकता है :
१.(***)
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१. १९९९ के अधिनियम सं. ४६ की धारा २२ द्वारा (१-७-२००२ से ) दूसरे परन्तुक का लोप किया गया ।
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