सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ३७ :
नियम ४ :
डिक्री को अपास्त करने की शक्ति :
डिक्री देने के पश्चात् यदि न्यायालय को विशेष परिस्थितियों के अधीन ऐसा करना युक्तियुक्त लगे तो वह ऐसे निबन्धनों पर जो न्यायालय ठीक समझे, डिक्री को अपास्त कर सकेगा और यदि आवश्यक हो तो उसका निष्पादन रोक सकेगा या अपास्त कर सकेगा और समन पर उपसंजात होने और वाद में प्रतिरक्षा करने की प्रतिवादी को इजाजत दे सकेगा ।
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