सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ८ :
नियम २ :
नए तथ्यों का विशेष रुप से अभिवचन करना होगा :
प्रतिवादी को अपने अभिवचन द्वारा वे सब बातें उठानी होंगी जिनसे यह दर्शित होता है कि वाद या विधि की दृष्टि से वह संव्यवहार शून्य है या शून्यकरणीय है और प्रतिरक्षा के सब ऐसे आधार उठाने होंगे जो ऐसे है कि यदि वे न उठाए गए तो यह संभाव्य है कि उनके सहसा सामने आने से विरोधी पक्षकार चकित हो जाएगा या जिनसे तथ्य के ऐसे विवाद्यक पैदा हो जाएंगे जो वादपत्र से पैदा नहीं होते है । उदाहरणार्थ कपट, परिसीमा, निर्मुक्ति संदाय, पालन या अवैधता दर्शित करने वाले तथ्य ।
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