भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम १९८८
धारा २४ :
१.(रिश्वत देने वाले का उसके कथन पर अभियोजित न होना :
१. सन २०१८ का अधिनियम क्रमांक १६ की धारा १७ द्वारा लोप किया गया ।
लोप करने से पूर्व धारा निम्ननुसार थी :
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धारा २४ :
रिश्वत देने वाले का उसके कथन पर अभियोजित न होना :
तत्समय प्रवृत्त किसी विधि में किसी बात के होते हुए भी धारा ७ से धारा ११ या धारा १३ या धारा १५ के अधीन किसी अपराध के लिए किसी लोक सेवक के विरूध्द किसी कार्यवाही में किसी व्यक्ति के इस कथन से कि उसने उस लोक सेवक को (वैध पारिश्रमिक से भिन्न) कोई परितोषण या कोई मूल्यवान चीज देने की प्रस्थापना की थी या प्रस्थापना करने के लिए समहति दी थी, ऐसे व्यक्ति के विरूध्द धारा १२ के अधीन कोई अभियोजन नहीं हो सकेगा ।
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