बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६
धारा १ :
संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ :
(२००७ का अधिनियम संख्यांक ६)
(१० जनवरी, २००७)
बाल-विवाहों के अनुष्ठान के प्रतिषेध और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम
भारत गणराज्य के सतावनर्वे वषॅ में संसद् द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो :-
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१)इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम बाल- विवाह प्रतिषेध अधिनियम, २००६ है ।
२)इसका विस्तार १.(***) संपूर्ण भारत पर है ; और यह भारत से बाहर तथा भारत के परे भारत के सभी नागरिकों को भी लागू होता है :
परंतु इस अधिनियम की कोई बात पांडिचेरी संघ राज्यक्षेत्र के रेनोंसाओं को लागू नहीं होगी ।
३)यह उस तारीख को प्रवृत्त होगा जो केंद्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियत करे और भिन्न-भिन्न राज्यों के लिए भिन्न-भिन्न तारीखें नियत की जा सकेंगी औ किसी उपबंध में इस अधिनियम के प्रारंभ के प्रति निर्देश का किसी राज्य के संबंध में यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह उस राज्य में उस उपबंध के प्रवृत्त होने के प्रति निर्देश है ।
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१. २०१९ के अधिनियम सं० ३४ की धारा ९५ और अनुसूची ५ द्वारा जम्मू-कश्मीर राज्य के सिवाय शब्दों का लोप किया ।
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