बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६
धारा ६ :
बाल-विवाहों से जन्मे बालकों की धर्मजता :
इस बात के होते हुए भी बाल-विवाह धारा ३ के अधीन अकृतता की डिक्री द्वारा बातिल कर दिया गया है, डिक्री किए जाने के पूर्व ऐसे विवाह से जन्मा या गर्भाहित प्रत्येक बालक, चाहे वह इस अधिनियम के प्रारंभ के पूर्व या पश्चात् पैदा हुआ हो, सभी प्रयोजनों के लिए धर्मज बालक समझा जाएगा ।
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