लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम १९८४
धारा ५ :
जमानत के बारे में विशेष उपबन्ध :
कोई व्यक्ति जो धारा ३ या धारा ४ के अधीन दण्डनीय किसी अपराध का अभियुक्त है या उसके लिए सिद्धदोष ठहराया गया है, यदि अभिरक्षा में है तो, जमानत पर या उसके स्वयं के बन्धपत्र पर तभी छोड़ा जाएगा जब अभियोजन पक्ष को ऐसे छोड़े जाने के लिए आवेदन का विरोध करने का अवसर दे दिया गया है।
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