सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५
धारा ८ :
कुछ दशाओं में अनुज्ञप्तियों का रद्द या निलम्बित किया जाना :
जबकि वह व्यक्ति, जो धारा ६ के अधीन किसी अपराध का दोषसिद्ध हो, किसी ऐसी वृत्ति, व्यापार, आजीविका या नियोजन के बारे में जिसके सम्बन्ध में अपराध किया गया हो, कोई अनुज्ञप्ति किसी तत्समय प्रवृत्त विधि के अधीन रखता हो, तब उस अपराध का विचारण करने वाला न्यायालय किसी अन्य ऐसी शास्ति पर, जिससे वह व्यक्ति उस धारा के अधीन दण्डनीय हो, प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, निदेश दे सकेगा कि वह अनुज्ञप्ति रद्द होगी या ऐसी कालावधि के लिए, जितनी न्यायालय ठीक समझे, निलम्बित रहेगी, और अनुज्ञप्ति को इस प्रकार रद्द या निलम्बित करने वाले न्यायालय का प्रत्येक आदेश ऐसे प्रभावी होगा, मानो वह आदेश उस प्राधिकारी द्वारा दिया गया हो; जो किसी ऐसी विधि के अधीन अनुज्ञप्ति को रद्द या निलम्बित करने के लिए सक्षम था।
स्पष्टीकरण :
इस धारा में अनुज्ञप्ति के अन्तर्गत अनुज्ञापत्र या अनुज्ञा भी है।
INSTALL Android APP
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।