Tag: "धारा ३१"
धारा ३१ : एक ही विचारण में कई अपराधों के लिए दोषसिद्ध...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय ३ : न्यायालयों की शक्ति : धारा ३१ : एक ही विचारण में कई अपराधों के लिए दोषसिद्ध होने के मामलों में दण्डादेश : १)जब एक विचारण में कोई व्यक्ति दो या अधिक अपराधों के लिए दोषसिद्ध किया जाता है तब, भारतीय दण्ड संहिता (१८६०… more »
धारा ३१ : निरसन : सूचना का अधिकार अधिनियम २००५
सूचना का अधिकार अधिनियम २००५ अध्याय ६ : प्रकिर्ण : धारा ३१ : निरसन : सूचना स्वातंत्र्य अधिनियम, २००२ (२००३ का ५) इसके द्वारा निरसित किया जाता है । पहली अनुसूची : (धारा १३(३) और धारा १६(३) देखिए) : मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्त, राज्य मुख्य सूचना… more »
धारा ३१ : स्वीकृतियाँ निश्चायक सबूत नहीं है, किन्तु विवंध..
भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२ अध्याय २ : स्वीकृतियाँ : धारा ३१ : स्वीकृतियाँ निश्चायक सबूत नहीं है, किन्तु विवंध (स्तंभित करना ) कर सकती है : स्वीकृतियाँ, स्वीकृत विषयों का निश्चायक सबूत नहीं है, किन्तु एतस्मिन् पश्चात् अंतर्विष्ट उपबंधों के अधीन विवंध… more »
धारा ३१ : विल :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ३१ : विल : यह शब्द किसी भी वसीयती दस्तावेज का द्योतक (समझा करना)है । INSTALL Android APP * नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी… more »