सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
धारा ५३ :
पैतृक सम्पत्ति का दायित्व :
पुत्र या अन्य वंशज के हाथ में की ऐसी सम्पत्ति के बारे में, जो मृत पूर्वज के ऐसे ऋण के चुकाने के लिए हिन्दू विधि के अधीन दायी है, जिसके लिए डिक्री पारित की जा चुकी है, धारा ५० और धारा ५२ के प्रयोजनों के लिए यह समझा जाएगा कि वह मृतक की ऐसी सम्पत्ति है जो उसके विधिक प्रतिनिधि के रुप में पुत्र या अन्य वंशज के हाथ में आई है ।
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