दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३
अध्याय ३ :
न्यायालयों की शक्ति :
धारा ३० :
जुर्माना देने में व्यतिक्रम (अदायगी या भूगतान नहीं करना ) होने पर कारावास का दण्डादेश :
१) किसी मजिस्ट्रेट का न्यायालय जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर इतनी अवधि का कारावास अधिनिर्णीत कर सकता है जो विधि द्वारा प्राधिकृत है :
परन्तु वह अवधि :
क) धारा २९ के अधीन मजिस्ट्रेट की शक्ती से अधिक नहीं होंगी;
ख)जहाँ कारावास मुख्य दण्डादेश के भाग के रुप में अधिनिर्णीत किया गया है, वहाँ वह उस कारावास की अवधि के चौथाई से अधिक न होगी जिसको मजिस्ट्रेट उस अपराध के लिए, न कि जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर दण्ड के तौर पर, देने के लिए सक्षम है ।
२)इस धारा के अधीन अधिनिर्णीत कारावास उस मजिस्ट्रेट द्वारा धारा २९ के अधीन अधिनिर्णीत की जा सकने वाली अधिकतम अवधि के कारावास के मुख्य दण्डादेश के अतिरिक्त हो सकता है ।
Code of Criminal Procedure 1973 in Hindi section 30.
section 30 Cr.P.C 1973 in hindi,crpc 1973 section 30 in hindi .
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