ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४०
धारा २० :
१.(सरकारी विश्लेषक :
(१) राज्य सरकार, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा विहित अर्हताओं वाले ऐसे व्यक्तियों को, जिन्हें वह ठीक समझती है, राज्य में ऐसे क्षेत्रों के लिए तथा ऐसी ओषधियों या २.(ओषधियों के वर्गों अथवा ऐसी प्रसाधन सामग्रियों या प्रसाधन सामग्रियों के वर्गों) की बाबत, जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट हो सरकारी विश्लेषक नियुक्त कर सकेगी।
(२) केन्द्रीय सरकार भी, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा विहित अर्हताओं वाले ऐसे व्यक्तियों को जिन्हें वह ठीक समझती है ऐसी औषधियों या २.(ओषधियों के वर्गों अथवा ऐसी प्रसाधन सामग्रियों या प्रसाधन सामग्रियों के वर्गों) की बाबत, जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट हों, सरकारी विश्लेषक नियुक्त कर सकेगी।
(३) उपधारा (१) या उपधारा (२) में किसी बात के होते हुए भी न तो केन्द्रीय सरकार और न राज्य सरकार ही किसी ऐसे अधिकारी को जो उसके अधीन सेवा न कर रहा हो उस सरकार की, जिसके अधीन वह सेवा कर रहा हो, पूर्व सम्मति के बिना सरकारी विश्लेषण के रूप में नियुक्त करेगी।
३.(४) कोई भी व्यक्ति जिसका ओषधियों या प्रसाधन सामग्रियों के आयात, विनिर्माण या विक्रय में कोई वित्तीय हित है, इस धारा की उपधारा (१) या उपधारा (२) के अधीन सरकारी विश्लेषक नियुक्त नहीं किया जाएगा।)
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१. १९६० के अधिनियम सं० ३५ की धारा ४ द्वारा (१६-३-१९६१ से) मूल धारा २० और धारा २१ के स्थान पर प्रतिस्थापित।
२. १९६२ के अधिनियम सं० २१ की धारा १६ द्वारा (२७-७-१९६४ से) ओषधियों के वर्ग शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।
३. १९८२ के अधिनियम सं० ६८ की धारा १७ द्वारा (१-२-१९८३ से) अंत:स्थापित।
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