ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४०
धारा २५ :
सरकारी विश्लेषकों की रिपोर्टें :
१) सरकारी विश्लेषक, जिसे परख या विश्लेषण के लिए किसी ओषधि १.(या प्रसाधन सामग्री) का नमूना धारा २३ की उपधारा (४) के अधीन भेजा गया है, विहित प्ररुप में तीन प्रतियों में एक हस्ताक्षरित रिपोर्ट उस नमूने को भेजने वाले निरीक्षक को परिदत्त करेगा ।
२) उसकी प्राप्ति पर निरीक्षक उस रिपोर्ट की एक प्रति उस व्यक्ति को, जिससे नमूना लिया गया था, २.(और दूसरी प्रति ऐसे व्यक्ति को, यदि कोई हो, जिसका नाम, पता और अन्य विशिष्टियां धारा १८क के अधीन प्रकट की गई है,) परिदत्त करेगा, और तीसरी प्रति को नमूने के बारे में किसी अभियोजन में उपयोग किए जाने के लिए प्रतिधृत रखेगा ।
३) कोई दस्तावेज, जो इस अध्याय के अधीन सरकारी विश्लेषक द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट होनी तात्पार्यित है उसमें कथित तथ्यों का साक्ष्य होगी, और ऐसा साक्ष्य निश्चायक होगा जब तक कि उस व्यक्ति ने, जिससे नमूना लिया गया था, ३.(या उस व्यक्ति ने जिसका नाम, पता और अन्य विशिष्टियां धारा १८क के अधीन प्रकट की गई है) रिपोर्ट की एक प्रति की प्राप्ति के अठ्ठाईस दिन के अन्दर निरीक्षक या न्यायालय को जिसके समक्ष नमूने के बारे में कोई कार्यवाहियां लम्बित अधिसूचित न कर दिया हो कि वह रिपोर्ट के प्रतिवाद में साक्ष्य पेश करने का आशय रखता है ।
४) उस दशा के सिवाय जिसमें नमूने की परख या उसका विश्लेषण केन्द्रीय ओषधि प्रयोगशाला में पहले ही हो गया हो, जहां किसी व्यक्ति ने सरकारी विश्लेषक की रिपोर्ट के प्रतिवाद में साक्ष्य पेश करने का अपना आशय उपधारा (३) के अधीन अधिसूचित कर दिया है वहां न्यायालय स्वप्रेरणा से या परिवादी अथवा अभियुक्त में से किसी की प्रार्थना पर स्वविवेकानुसार उस ओषधि १.(या प्रसाधन सामग्री) के नमूने को जो धारा २३ की उपधारा (४) के अधीन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया है उक्त प्रयोगशाला को परख या विश्लेषण के लिए भिजवा सकेगा जो परख या विश्लेषण करेगी और उसके परिणाम की केन्द्रीय ओषधि प्रयोगशाला निदेशक द्वारा हस्ताक्षरित या उसके प्राधिकाराधीन लिखित रिपोर्ट देगी और ऐसी रिपोर्ट उसमें कथित तथ्यों की निश्चायक साक्ष्य होगी ।
५) केन्द्रीय ओषधि प्रयोगशाला द्वारा उपधारा (४) के अधीन की गई परख या विश्लेषण का खर्चा परिवादी अथवा अभियुक्त द्वारा संदत्त किया जाएगा जैसा भी न्यायालय निर्दिष्ट करे ।
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१. १९६२ के अधिनियम सं० २१ की धारा १५ द्वारा (२७-७-१९६४ से) अंत:स्थापित।
२. १९६४ के अधिनियम सं० १३ की धारा १७ द्वारा (१५-९-१९६४ से) कतिपय शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
३. १९६४ के अधिनियम सं० १३ की धारा १७ द्वारा (१५-९-१९६४ से) या उक्त वारण्टर शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
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